जीएसटी भारत के कर ढांचें में सुधार का एक बहुत बड़ा कदम है। वस्तु एंव सेवा कर एक अप्रत्यक्ष कर कानून है है। जीएसटी एक एकीकृत कर है जो वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर लगेगा। जीएसटी लागू होने से पूरा देश,एकीकृत बाजार में तब्दील हो जाएगा और ज्यादातर अप्रत्यक्ष कर जैसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर वैट, मनोरंजन, लॉटरी टैक्स आदि जीएसटी में समाहित हो जाएंगे। इससे पूरे भारत में एक ही प्रकार का अप्रत्यक्ष कर लगेगा
भारत का वर्तमान कर ढांचा बहुत ही जटिल है। भारतीय संविधान के अनुसार मुख्य रूप से वस्तुओं की बिक्री पर कर लगाने का अधिकार राज्य सरकार और वस्तुओं के उत्पादन व सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। इस कारण देश में अलग अलग तरह प्रकार के कर लागू है, जिससे देश की वर्तमान कर व्यवस्था बहुत ही जटिल है। कंपनियों और छोटे व्यवसायों के लिए विभिन्न प्रकार के कर कानूनों का पालन करना एक मुश्किल होताहै।
अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में कर-भार अंतिम उपभोक्ता को वहन करना पड़ता है, लेकिन कर का संग्रहण व्यवसायियों द्वारा किया जाता है। व्यवसायी को ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए कर की क्रेडिट मिलती है जिसका उपयोग वह अपने कर के भुगतान में कर सकता है। इस व्यवस्था से कर केवल मूल्य संवर्धन बिक्री – खरीद या Value Addition पर ही लगता है। व्यवसायी उपभोक्ता से कर संग्रहित करता है और उसमें से अपनी इनपुट क्रेडिट ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए कर को घटाकर बाकी कर सरकार को जमा करवाते है।
लेकिन वर्तमान व्यवस्था में भारत में केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क व सेवा कर और राज्य सरकार द्वारा बिक्री कर लगाया जाता है। इस कारण व्यवसायी को उत्पाद शुल्क और सेवा कर के भुगतान में बिक्री कर की इनपुट क्रेडिट (ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए कर ) का उपयोग नहीं कर सकता और बिक्री कर के भुगतान में सेवा कर(सेवाओं पर चुकाए गए कर) और उत्पाद शुल्क (ख़रीदे गए माल पर लगे उत्पाद शुल्क) की क्रेडिट का उपयोग नहीं कर सकता। इस कारण वर्तमान व्यवस्था में टैक्स पर टैक्स लग जाता है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की कीमत बढ़ जाती है ।
जीएसटी लागू होने से पूरे देश में एक ही प्रकार का अप्रत्यक्ष कर होगा जिससे व्यवसायियों को ख़रीदी गयी वस्तुओं और सेवाओं पर चुकाए गए जीएसटी की पूरी क्रेडिट मिल जाएगी जिसका उपयोग वह बेचीं गयी वस्तुओं और सेवाओं पर लगे जीएसटी के भुगतान में कर सकेगा। इससे टैक्स केवल मूल्य संवर्धन पर ही लगेगा और टैक्स पर टैक्स लगाने की व्यवस्था समाप्त होगी जिससे लागत में कमी आएगी।
जीएसटी के बाद क्या सस्ता और क्या महंगा-
ज़ीरो फ़ीसदी जिन पर नहीं लगेगा टैक्स:
- ताज़ा दूध, खुला खाद्य अनाज, ताज़ा फल, ताज़ी सब्ज़ियां, नमक, गुड़, अंडे,खुला पनीर,चावल, पापड़, रोटी,जानवरों का चारा, कंडोम,गर्भनिरोधक दवाएं, किताबें, जलावन की लकड़ी, चूड़ियां (ग़ैर कीमती), फूल भरी झाड़ू.
इन पर लगेगा 5 फीसदी टैक्स:
- चाय, कॉफ़ी, खाने का तेल, ब्रांडेड अनाज, सोयाबीन, सूरजमुखी के बीज, ब्रांडेड पनीर, कोयला 400 रुपये प्रति टन लेवी के साथ, केरोसीन, घरेलू उपभोग के लिए एलपीजी, काजू-किशमिश, 500 रुपए तक क़ीमत के जूते,1000 रुपए क़ीमत तक के कपड़े, ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट,ज्योमेट्री बॉक्स,कृत्रिम किडनी, हैंडपंप, लोहा, स्टील, लोहे की मिश्रधातुएं, तांबे के बर्तन, अगरबत्ती.
इन पर लगेगा 12 फीसदी टैक्स:
- ड्राई फ्रूट्स, घी, मक्खन, नमकीन, मांस-मछली, दूध से बने ड्रिंक्स, फ़्रोज़ेन मीट, बायो गैस, मोमबत्ती, एनेस्थेटिक्स, अगरबत्ती, दंत मंजन पाउडर, चश्मे के लेंस, बच्चों की ड्रॉइंग बुक, कैलेंडर्स, एलपीजी स्टोव, नट, बोल्ट, पेंच, ट्रैक्टर, साइकल, एलईडी लाइट, खेल का सामान, आर्ट वर्क, मोबाइल फ़ोन.
इन पर लगेगा 18 फीसदी टैक्स:
- रिफाइंड शुगर,कंडेंस्ड मिल्क,प्रिजर्व्ड सब्ज़ियां,बालों का तेल,साबुन,हेलमेट,नोटबुक,जैम, जेली,सॉस, सूप, आइसक्रीम, इंस्टैंट फूड मिक्सेस,मिनरल वॉटर,पेट्रोलियम जेली, पेट्रोलियम कोक,टॉयलेट पेपर,प्रिंटर,कंप्यूटर.
- मोटर कार, मोटर साइकल, चॉकलेट, कोकोआ बटर, फैट्स, ऑयल, पान मसाला, फ़्रिज़, परफ़्यूम, डियोड्रेंट, मेकअप का सामान, वॉल पुट्टी, दीवार के पेंट, टूथपेस्ट, शेविंग क्रीम, आफ़्टर शेव, लिक्विड सोप, प्लास्टिक प्रोडक्ट, रबर टायर, चमड़े के बैग, मार्बल, ग्रेनाइट, प्लास्टर, माइका, टेम्पर्ड ग्लास रेज़र, डिश वॉशिंग मशीन, मैनिक्योर, पैडिक्योर सेट, पियानो, रिवॉल्वर.